Monday 19 August 2013

सरेआम लें लूट, गिरी माँझा बिन गुड्डी-

गुड्डी-गुड़ी गुमान में, ऊँची भरे उड़ान |
पेंच लड़ाने लग पड़ी, दुष्फल से अन्जान |

दुष्फल से अन्जान, जान जोखिम में डाली |
आये झँझावात, काट दे माँझा-माली |

लग्गी लेकर दौड़, लगाने लगे उजड्डी |
सरेआम लें लूट, गिरी माँझा बिन गुड्डी ||

4 comments:

  1. बहुत ही सुंदर और सार्थक प्रस्तुती, आभार।

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  2. स्वागत है !
    बहुत सुंदर !

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  3. बहुत ही लाजवाब, हार्दिक शुभकामनाएं.

    रामराम.

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